आप अभी गुटखा और धूम्रपान कर रहे है तो 10 से 15 साल बाद कैंसर होने का खतरा अधिक है।

40 फ़ीसद ऐसे मामले हैं जो टोबैको रिलेटेड कैंसर(टीआरसी) यानी तंबाकू के सेवन की वजह से होते हैं

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों पर अपनी रिपोर्ट जारी की है

इस रिपोर्ट में सामने आया है कि साल 2020 में तंबाकू की वजह से कैंसर झेल रहे लोगों की संख्या 3. 7 लाख है जो कि कुल कैंसर मरीज़ों का 27. 1 फीसद है।

ऐसे में तंबाकू वो सबसे बड़ा कारण बनकर उभरा है जिसकी वजह से लोग अलग-अलग तरह के कैंसर का सामना कर रहे हैं।

भारत में आईजोल ऐसे ज़िले के रूप में उभरकर सामने आया है जहां पर कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं।

 

40 फ़ीसद ऐसे मामले हैं जो टोबैको रिलेटेड कैंसर(टीआरसी) यानी तंबाकू के सेवन की वजह से होते हैं और अब 20-25 साल के युवाओं में भी ये बीमारी देखने को मिल रही है।

 

तंबाकू सेवन करने वाले लोगों में इसका इस्तेमाल शुरू करने के 10-20 साल बाद ही कैंसर का पता चलता है। हमारे पास ऐसे ग्रामीण युवा आ रहे हैं जो स्मोकलेस टोबैको का इस्तेमाल करते हैं जैसे पान, तंबाकू, खैनी, गुटका आदि।  ये युवा बहुत कम उम्र में ही बिना इसका नुक़सान जाने, इन चीज़ो का सेवन शुरू कर देते हैं ।  ऐसे में 22-25 साल के युवा कैंसर के मामलों के साथ हमारे पास इलाज के लिए आ रहे हैं। "

 

तंबाकू पर समय रहते लगाम लगाए जाने की ज़रूरत है क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में लंग कैंसर के मामलों में भारी वृद्धि होने की आशंका है।

 

पिछले दस सालों में हमने कैंसर के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी देखी है।  लेकिन इसके साथ ही कम उम्र के लोगों को कैंसर से पीड़ित होता देख रहे हैं।  तंबाकू और वायु प्रदुषण से जुड़ी बीमारियों की संख्या में भारी इज़ाफ़ा देखा है। "

 

लंग कैंसर इस समय हमारे देश में पुरुषों में नंबर 1 कैंसर हो गया है और एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण चीज़ है जो कि हम भी देख रहे हैं और इस रिपोर्ट में भी आया है कि ज़्यादा लंग कैंसर के मामलों में जब तक उनका पता चलता है तब के वे स्टेज फ़ोर में पहुंच चुके होते हैं। "