कैंसर को हराना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं.

कैंसर के मामले में मौत की ज्यादा वजह शुरुआत में जहां लक्षणों को नजरअंदाज करना है.

कैंसर के मामले में मौत की ज्यादा वजह शुरुआत में जहां लक्षणों को नजरअंदाज करना है, वहीं दूसरी सबसे बड़ी वजह है इसे लाइलाज मान कर हिम्मत हार देना। यह जरूरी नहीं कि सिर्फ मरीज ही सब कुछ खत्म वाली सोच में पहुंच जाए, कई बार उसके नजदीकी रिश्तेदार की भी ऐसी ही सोच हो जाती है। हकीकत यह है कि जब किसी लड़ाई में हिम्मत पहले ही हार जाएं तो जंग शुरू होने से पहले ही दुश्मन के पक्ष में हो चला जाता है। अगर कैंसर को हराना है तो इसकी हकीकत को समझते हुए इसे भी आम बीमारी मानना होगा। इसे हराना मुश्किल तो जरूर है, लेकिन नामुमकिन बिलकुल नहीं।

अमूमन कैंसर लाइलाज तब होता है, जब यह आखिरी स्टेज में पहुंचता है। अगर किसी शख्स को जल्द ही इसका पता चल जाए तो जीत सुनिश्चित है।

अगर किसी के घर में कोई कैंसर मरीज है तो देख-रेख करने वालों को भी मानसिक तनाव से लड़ना पड़ता है। ऐसे में सुबह में वॉकिंग, सूर्य नमस्कार और योग उनके काफी काम आता है।

यह ठीक है कि पौष्टिक तत्व (सप्लिमेंट्स, न्यूट्रिशनल डाइट आदि) की मदद से कैंसर मरीज को फायदा होता है, लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि ये किसी भी सूरत में कैंसर का संपूर्ण इलाज नहीं हो सकते।