कैंसर से मुमकिन है बचना ,करना होगा यह काम।
 
                    1. तंबाकू-शराब से तौबा
पुरुषों में सबसे ज्यादा कैंसर मुंह, गले और फेफड़ों का कैंसर होता है। इन तीनों ही कैंसर की सबसे बड़ी वजह तंबाकू है, फिर चाहे बीड़ी-सिगरेट हो या गुटखा। स्मोकिंग से प्रोस्टेट, किडनी, ब्रेस्ट और सर्विक्स कैंसर के भी चांस बढ़ जाते हैं। पुरुषों में करीब 50 फीसदी और महिलाओं में 20 फीसदी कैंसर की वजह तंबाकू होता है। अगर कोई शख्स 10 साल तक रोजाना 10-12 सिगरेट पीता है तो वह कैंसर का शिकार हो सकता है। अगर आपके आसपास कोई बीड़ी-सिगरेट पीता है तो उसका नुकसान आपको भी हो सकता है। ज्यादा शराब भी खतरनाक है। कोशिश करें कि इससे दूर रहें। कुछ स्टडी रोजाना एक पेग से ज्यादा तो खतरनाक मानती हैं तो कुछ जरा-सी मात्रा में शराब लेने को नुकसानदेह कहती हैं। ऐसे में तंबाकू और शराब से दूरी ही बेहतर है।
2. तनाव को टाटा
अगर आप तनाव में रहते हैं या फिर नाखुश रहते हैं तो शरीर से ऐसे केमिकल निकलते हैं, जो कैंसर की वजह बन सकते हैं। जिंदगी में पॉजिटिव सोच बनाए रखना बहुत जरूरी। एक-दो दिन के लिए दुखी रहने से फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर कुछ महीने या बरसों तक दुखी रहें या तनाव में रहें तो कैंसर की आशंका बढ़ती है। खुश रहने के अलावा रोजाना 6-7 घंटे की अच्छी नींद भी बहुत जरूरी है। ऐसा करने से शरीर कैंसर से लड़ने की क्षमता हासिल करता है।
3. पलूशन का ढूंढें सलूशन
2018 में दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में एक स्टडी की गई जिसमें पाया गया कि मार्च 2012 से जून 2018 के बीच अस्पताल में आनेवाले लंग कैंसर के कुल 150 मरीजों में से 76 स्मोकर और 74 नॉन-स्मोकर थे यानी 50 फीसदी मरीज वे थे, जो बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते थे। इसकी एक बड़ी वजह दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे एयर पलूशन को भी माना जा रहा है। ऐसे में कोशिश करें कि उन इलाकों से न गुजरें, जहां हेवी ट्रैफिक रहता है। सर्दियों में ज्यादा स्मॉग के समय बाहर निकलना हो तो N95 मास्क लगाएं। घर में हवा को साफ करने वाले पौधे जैसे कि मनी प्लांट, मदर-इन-लॉ टंग आदि लगाएं। घर के अंदर वर्टिकल गार्डन बनवाएं। इसके अलावा, प्लास्टिक के बर्तनों में खाने-पीने की चीजें गर्म करने से बचें। बार-बार गर्म करने से प्लास्टिक कंटेनर्स के केमिकल्स टूटकर खाने-पीने की चीजों में मिलने लगते हैं जो आगे जाकर कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
4. ऐक्टिव रहें, फिट रहें
रोजाना कम-से-कम 30-45 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। कुछ और नहीं कर सकते तो तेज रफ्तार से सैर ही करें लेकिन ऐक्टिव रहें। हो सके तो घर से बाहर जाकर रोजाना 1 घंटा खेलें। दरअसल, अगर शरीर में फैट ज्यादा होता है तो फैट में मौजूद एंजाइम मेल हॉर्मोन को फीमेल हॉर्मोन एस्ट्रोजिन में बदल देते हैं। फीमेल हॉर्मोन ज्यादा बढ़ने पर ब्लड कैंसर, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट कैंसर और सर्विक्स (यूटरस) कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। हाई कैलरी, प्रीजर्व्ड या जंक फूड, नॉन-वेज ज्यादा लेने से समस्या और बढ़ जाती है। पित्जा, बर्गर, चिप्स जैसे जंक और फैटी फूड ज्यादा खाने और फाइबर (सब्जियां, फल आदि) कम खाने से शरीर में टॉक्सिंस यानी जहरीले पदार्थ जमा हो जाते हैं। इसके अलावा, फसलों को उगाने में ज्यादा केमिकल खाद और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल, फल-सब्जियों ताजा दिखाने के लिए उन्हें रंग (फॉर्मेलिन) में रंगना, अदरक को एसिड में धोना, चिकन के जरिए हेवी मेटल्स का शरीर में पहुंचना आदि वजहों से शरीर में कैंसर की आशंका बढ़ रही है। बेहतर है कि ज्यादा-से-ज्यादा हरी सब्जियां और फल लें। इनमें फाइबर और एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं। एंटी-ऑक्सिडेंट बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा कर कैंसर सेल्स को मारने में मदद करते हैं।
5. इन्फेक्शन से बचें
हेपटाइटिस बी, हेपटाइटिस सी, एचपीवी जैसे इन्फेक्शन कैंसर की वजह सकते हैं। हेपटाइटिस सी के इन्फेक्शन से लिवर का कैंसर और एचपीवी से महिलाओं में सर्वाइकल और पुरुषों में मुंह का कैंसर हो सकता है। इनकी रोकथाम के लिए वैक्सीन भी लगवा सकते हैं। हेपटाइटिस बी की रोकथाम के लिए हेप्ट बी वैक्सीन और सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीन लगाई जाती है। हेपटाइटिस बी का टीका किसी भी उम्र में लगवा सकते हैं जबकि सर्वाइकल कैंसर का टीका सेक्स शुरू करने से पहले यानी करीब 8-18 साल की लड़कियों में लगवाना बेहतर है। हालांकि बाद में भी लगवा सकती हैं लेकिन अगर महिला सेक्सुअली ऐक्टिव है और वायरस पहले ही लपेटे में ले चुका हो तो वैक्सीन असर नहीं करेगी।


 
          	                 
          	                 
          	                 
          	                 
          	                 
          	                 
 
               
 
       
         
 
       
         
 
       
         
 
                       
                   
 
                       
                   
 
                       
                   
 
                       
                  