आंत और मलाशय में कैंसर के लक्षण। आपके परिवार में किसी को कैंसर है तो आप सचेत रहे।
 
                    बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों और युवाओं, सभी में कैंसर बीमारी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है । कैंसर की मुख्य वजह वंशानुगत कारण और खान-पान में बढ़ते पैस्ट्रिसाइट्स हैं। आज की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अगर बात करें तो हमारा इन दोनों स्थितियों पर ही कोई नियंत्रण नहीं है।
एक बात जो पूरी तरह हमारे कंट्रोल में है, वह है अपनी सेहत का ध्यान रखना। अपने शरीर और उसके संकेतों को समझना। आइए, आज हम बात करते हैं कोलन यानी मलाशय और बाउअल यानी बड़ी आंत में यदि कैंसर हो जाता है तो शुरुआती स्तर पेशंट को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है...
आंत और मलाशय में कैंसर के लक्षण
-जिस व्यक्ति की बड़ी आंत या उसके मलाशय में कैंसर की स्थिति बन रही होती है, उसे लगातार आंत से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे कभी कब्ज तो कभी दस्त हो जाना। पॉटी की स्थिति में लगातार बदलाव होते रहना आदि शामिल हैं।
-मलाशय से खून आना, पॉटी करते समय ब्लीडिंग होना या पॉटी के साथ ब्लड का आना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। पॉटी के बाद भी पेशंट को अक्सर लगता है कि उसका पेट अभी पूरी तरह साफ नहीं हुआ है। अभी अंदर मल अटका हुआ है।
-कोलन और बाउअल कैंसर की स्थिति में व्यक्ति को हर समय थकान बनी रहती है। जबकि वह सही डायट ले रहा होता है और उसे अक्सर अपने थकने की वजह पता नहीं होती है। ऐसे लोगों का वजन तेजी से कम होने लगता है। जिसका कोई प्रत्यक्ष कारण नजर नहीं आता है।
-कोलन और बाउअल कैंसर की स्थिति में पेशंट को हर समय पेट से संबंधित कोई ना कोई समस्या बनी रहती है। जैसे गैर, अपच, खट्टी डकार आना, पेट में मरोड़ होना आदि। ऐसा कभी नहीं होता कि पेट को लेकर सहज महसूस कर पाए।
-हर पेशंट के साथ ऐसा नहीं होता है कि कोलन कैंसर या बड़ी आंत में कैंसर होने की स्थिति में उसे अपने शरीर में शुरुआती लक्षण जरूर दिखाई दें। कई केसेज में ऐसा देखने को मिला है कि मरीजों में कैंसर के लक्षण काफी बाद में सामने आते हैं।
-और जब ये लक्षण सामने आते हैं, उस वक्त उनकी स्थिति की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि कैंसर आकार में कितना बड़ा है और यह बड़ी आंत के किस हिस्से में स्थित है।
डॉक्टर की सलाह
-अगर आपको यहां बताए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण अपने आपमें नजर आ रहा है तो तुरंत आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आपकी फैमिली में किसी को कैंसर रहा है तो आपको अधिक जागरूक रहने की जरूरत है।
-आमतौर पर कोलन कैंसर की स्क्रीनिंग 50 साल की उम्र के आस-पास होती है। लेकिन जिन पेशंट्स के पारिवारिक इतिहास में किसी को कैंसर रहा होता है, उनमें स्क्रीनिंग की संभावना कम उम्र में भी हो सकती है। इसलिए आपकी स्थिति के अनुसार आपके डॉक्टर आपको बेहतर सलाह दे सकते हैं।


 
          	                 
          	                 
          	                 
          	                 
          	                 
          	                 
 
               
 
       
         
 
       
         
 
       
         
 
                       
                   
 
                       
                   
 
                       
                   
 
                       
                  