पटना के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में जल्द शुरू होगा उपचार।

राज्य के कैंसर मरीजों के लिए यह वरदान साबित होगा।

पटना। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में जल्द उपचार शुरू होगा। इसे अप्रैल 2020 में ही आरंभ होना था, लेकिन कोरोना के कारण अटक गया। 

आइजीआइएमएस की बोर्ड ऑफ गवर्निग (बीओजी) में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए भवन के लिए तीन महीने समय बढ़ाने की मांग की गई थी। इसे स्वास्थ्य मंत्री सह बोर्ड अध्यक्ष मंगल पांडेय ने नकार दिया और जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। 

प्रधान सचिव ने भी राज्य के कैंसर मरीजों के लिए यह वरदान साबित होगा। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट का उपकरण इंस्टॉल हो रहा है। इसका भवन निर्माण भी अंतिम चरण में है। 

वचुर्अल मिटिंग में आयोजित बीओजी में पीजी डेंटल इंस्टीट्यूट डेंटल एजुकेशन ऑफ रिसर्च खोलने में पेंच लगाई गई। बीओजी ने अब राज्य सरकार के सहमति के बाद इसके खोलने पर मुहर लगाएगी। यह भवन वर्तमान में आइजीआइएमएस में बनाए गए टीओपी थाने के बगल में होगा। संस्थान के प्राध्यापकों के नवंबर 2019 में आयोजित साक्षात्कार वाले डॉक्टरों की पदोन्नति देने पर मुहर लगाई गई। हालांकि, कई सदस्यों ने पदोन्नति का मामला न्यायालय में लंबित रहने तक इसे स्थगित रखने की बात कहीं।

आइजीआइएमएस के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के 200 बेड के अस्पताल भवन में राज्य सरकार की ओर से 40 फीसद देने पर निर्णय गया है। इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से 60 फीसद राशि दी जाएगी। इससे जल्द भवन निर्माण प्रक्रिया तेज होगा। स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य सचिव ऑनलाइन रूप से मौजूद रहे, जबकि संस्थान में निदेशक डॉ. एनआर विश्वास, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. केपी सिन्हा, डॉ. अमरकांत झा अमर भी थे।