कैंसर बीमारी से बचना है तो इन बातों पर खासा ध्यान दें।

In addition to brain cancer, some other symptoms may also be seen.

कैंसर खतरनाक इसलिए है क्योंकि इसे पहचानने की चुनौती ही सबसे बड़ी है। शुरू में इसके लक्षण सामान्य बीमारियों वाले ही होते हैं। मसलन थकावट, बुखार, एसिडिटी, खांसी, ब्लीडिंग आदि। ये लक्षण किसी दूसरी आम-सी बीमारी के भी हो सकते हैं। मसलन, अगर किसी को बीपी या शुगर की समस्या है तो शरीर में दर्द और थकावट रह सकती है। महिलाओं को पीरियड्स में ब्लीडिंग स्वाभाविक है। एसिडिटी भी किसी को हो सकती है तो क्या ऐसे सभी मामलों में कैंसर की आशंका हो सकती है। क्या सभी को कैंसर की जांच करानी चाहिए? ऐसे सभी सवालों का एक ही जवाब है, 'असामान्य होना':

 

-लक्षण सामान्य हो, लेकिन असामान्य तरीके से उभर रहा हो।

  • बुखार, एसिडिटी आदि सामान्य समस्याएं है, लेकिन दवा करने के बाद भी अगर बार-बार हो तो शक जरूर करना चाहिए। हालांकि किसी सामान्य परेशानी का बार-बार होना भी यह साबित नहीं करता कि कैंसर ही होगा। लेकिन यह शक करने की वजह तो जरूर देता है। एसिडिटी के मामले में अगर कोई शख्स दवा नहीं ले रहा है और फिर बार-बार एसिडिटी हो जाता है। वह ठीक भी हो जाता है तो घबराने की बहुत जरूरत नहीं है। लेकिन उसे डॉक्टर से संपर्क जरूर रहना चाहिए। वहीं अगर दवा लेते रहने और डोज बदलने के बावजूद एसिडिटी बार-बार होती रहे तो जरूर सचेत होना चाहिए।

 

  • महिलाओं में माहवारी के दौरान ब्लीडिंग कॉमन है, लेकिन जब यह 4-5 दिन के बजाय 8 से 10 दिन हो, एक बार होने के कुछ दिनों के बाद फिर से हो जाए तो शक करना चाहिए।

 

 

  • जब किसी मरीज की जुबान बात करने में बार-बार लड़खड़ाए और उसे तंबाकू, सिगरेट की आदत हो तो ओरल कैंसर की आशंका है।

 

  • लगातार खांसी, मुंह के छाले, दांतों से लगातार खून आना, ये भी ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं और नहीं भी।

 

  • पेशाब में खून आना प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है। कई बार किडनी में स्टोन की वजह से भी पेशाब में खून आता है।

 

  • शरीर में गांठ जो तेजी से बढ़ रही हो। यहां इस बात का ध्यान रखें कि अमूमन जिन गांठों में दर्द हो, शुरुआत में उनमें कैंसर सेल्स के होने की आशंका कम रहती है। अगर दर्द न हो तो आशंका बढ़ जाती है। जैसे अगर किसी महिला के ब्रेस्ट में गांठ है और दर्द भी है तो ऐसा अमूमन हॉर्मोन की परेशानी से ऐसा होता है।

 

  • तेजी से वजन कम होना कैंसर का सबसे विशेष लक्षण है। अगर किसी का वजन 3 महीने में 10 किलो कम हो जाए तो उसे जरूर जांच करानी चाहिए। वैसे ध्यान देने वाली बात यह है कि शुगर और टीवी के मामले में भी कई बार अचानक वजन कम होता है।

 

  • स्प्लीन (पेट में मौजूद इस अंग के कई सारे काम हैं, लेकिन सबसे अहम काम है शरीर की सुरक्षा में भूमिका निभाना।) और लिंफनोड (यह भी शरीर के इम्यून सिस्टम का अहम भाग है। शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वाइरस से लड़ने में मदद करता है।)

 

  • जाड़े में भी रात में पसीना आता है तो सचेत हो जाएं। हालांकि ऐसा दिल के मरीजों के साथ भी होता है।

 

  • अगर किसी महिला को अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय बार-बार ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से जरूर मिल लें। वैसे, जिस महिला ने किसी के साथ फिजिकल रिलेशन नहीं बनाए हैं, उसमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा न के बराबर होता है।

 

अगर कोई शारीरिक परेशानी हो रही है और वह बार-बार हो तो यह कतई जरूरी नहीं कि वह कैंसर है। वह कोई दूसरी छोटी-मोटी बीमारी भी हो सकती है। फिर भी सतर्कता जरूरी है। किसी डॉक्टर से मिलकर और टेस्ट कराने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंच सकते हैं।