तुषार 19 वर्ष का था तब उसे पता चला की उसे घुटने में कैंसर है।
19 वर्षीय तुषार को क्लास 10 के मॉक एग्जाम के तुरंत बाद अपने घुटने में कैंसर का पता चला था जिसके बाद उन्हें कीमोथेरपी से गुजरना पड़ा. साल 2015 में कीमोथेरपी खत्म होने के बाद उन्होंने 10वीं बोर्ड की परीक्षा दी और 10 सीजीपीए के साथ शानदार रिजल्ट हासिल किया.
लिख चुके हैं किताब
क्लास 12 के रिजल्ट में तुषार ने अंग्रेजी में 95, भौतिकी में 95, मैथ्स में 93, कंप्यूटर में 89 और फाइन आर्ट्स में 100 अंक हासिल किए हैं.
तुषार अपनी कैंसर से लड़ाई पर एक किताब भी लिख चुके हैं जिसका नाम है 'पेशंट पेशंट'.
हर 3-4 महीने में होता है चेकअप ,वो अपना सक्सेस फंडा बताते हुए तुषार ने कहा- 'इलाज के कारण अब मैं काफी बेहतर स्थिति में हूं लेकिन मुझे हर 3-4 महीने में चेकअप के लिए एम्स जाना पड़ता है.' तुषार का कहना है कि सफलता पाने के लिए लगातार रोजाना पढ़ाई करनी बहुत जरूरी है. कैंसर की लड़ाई लड़ते हुए तुषार ने जो कमाल किया वो काफी इंस्पिरेश्नल है.लेकिन तुषार खुद अपने आप में एक हीरो है. जो कैंसर से घबराया नहीं, बल्कि उससे लड़ते हुए 12वीं में 95% भी लाया.