कैंसर की सर्जरी कैंसर सर्जन से ही कराएं न कि जेनरल सर्जन से।
बाराद्वारी की रहने वाली नीलम चंद्रा के हौसले के आगे कैंसर हार गया और वह अब उन्होंने दूसरों की जान बचाने की बीड़ा उठाया है।
इसे भी पढ़े - ब्रेस्ट (स्तन कैंसर) कैंसर क्या है ? इसके लक्षण व् इलाज । ब्रेस्ट कैंसर से कैसे बचा जा सकता है ?
फिलहाल वह जबलपुर में हैं। नीलम कहती हैं कि जब ब्रेस्ट कैंसर होने की पुष्टि हुई तो वह घबरा गई। हताश हो गई। लेकिन परिवार व दोस्तों का सहयोग देखकर डरी नहीं, लड़ने को ठान ली और अब परिणाम सबके सामने है।
इलाज के दौरान कई तरह की जांच पीड़ादायक थी। पांच सर्कल में कीमोथेरेपी दी गई, जिसके बाद सर्जरी हुई। 72 स्टीच लगाए गए। 15 दिनों के बाद यह प्रक्रिया फिर से दोहराई गई।
फिर 12 सर्कल में कीमोथेरेपी व 31 रेडियेशन दिए गए। नीलम कैंसर को मात देने के बाद अब मरीजों में जीने की चाह जगा रही है। तीसरे चरण में शिनाख्त होने के बाद ब्रेस्ट कैंसर से लड़कर उन्होंने न सिर्फ खुद की जिंदगी सहेजी बल्कि बैटलिंग कैंसर विद पॉजिटिव एटीट्यूड किताब भी लिखा है।
नीलम कहती हैं कि कैंसर के इलाज की सही जानकारी होनी चाहिए। कैंसर की सर्जरी कैंसर सर्जन से ही कराएं न कि जेनरल सर्जन से। इससे केस बिगड़ने की संभावना होती है। कैंसर ठीक होने के बाद भी नियमित जांच अवश्य कराएं। क्योंकि कई बार बीमारी दोबोरा होने का भी खतरा रहता है।
इसे भी पढ़े : सर्जरी: यह कैंसर का बेस्ट इलाज है।
मेरे साथ दिसंबर माह में ऐसा ही हुआ। सबकुछ कैंसर जैसे लक्षण ही थे। एक डाक्टर ने कैंसर बता भी दिया लेकिन फिर मैंने दूसरे डाक्टर से सलाह ली। तब पुष्ट हुआ कि कैंसर न होकर दूसरी बीमारी हुई है। इसलिए कभी भी संदेह होने पर दूसरे डाक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
इसे भी पढ़े - ओवेरियन कैंसर क्या है ? इसके लक्षण व् इलाज । ओवेरियन कैंसर से कैसे बचा जा सकता है ?
इसे भी पढ़े : सर्वाइकल कैंसर क्या है ? इसके लक्षण व् इलाज । सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचा जा सकता है ?