ब्रेस्ट कैंसर ने ज्योति को झकझोर दिया था।
सही समय पर इलाज न मिलने पर कैंसर जानलेवा हो सकता है।आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी महिला शिक्षक की, जिन्होंने स्तन कैंसर से जंग जीतकर हर उस डर-संकोच को हराया, जो इससे पीड़ित महिलाओं को इलाज तक पहुंचने नहीं देता। कैंसर से जंग जीतने के बाद महिला शिक्षक अब अन्य मरीजों के जीवन में रौशनी की लौ जलाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है।
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नाम ज्योति तिवारी है। वे शासकीय जीवाजीगंज हायर सेकंडरी स्कूल में विद्यार्थियों को बायलाजी पढ़ाती हैं। इन्हें देखकर कोई सोच भी नहीं सकता कि डेढ़ साल पहले उनके जीवन में कैंसर ने दस्तक दी थी। ब्रेस्ट कैंसर ने ज्योति को झकझोर दिया था। 10 जुलाई 2019 को जांच कराने पर पता चला था कि उन्हें कैंसर हुआ है। उन्होंने देरी न करते हुए इलाज कराना शुरू किया। जांच रिपोर्ट आने के पांच दिन बाद ही उन्होंने ऑपरेशन कराया लिया। 6 बार कीमोथैरेपी ली। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। वे जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर भी हैं। अपने हर प्रशिक्षण वर्ग में वे साथी शिक्षकों को विज्ञान एवं जीवविज्ञान विषय पढ़ाने के नए-नए तरीके बताने के साथ कैंसर से बचने और पीड़ित होने पर उबरने के उपाय भी बताती हैं।
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कैंसर मरीजों से चर्चा कर उन्हें डरने के बजाय इसका सही इलाज करवाने के लिए प्रेरित करती हैं। मुश्किल घड़ी में अपनों के साथ और विश्वास ने एक पल भी हारने नहीं दिया। मुझे कैंसर से जंग जीतना था। जिंदादिली से लड़ी और जीत गई।
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