महिलाओं को इन पांच तरह के कैंसर से बचना चाहिए।

कैंसर के इलाज में देरी की जाए तो मनुष्य की जान भी जा सकती है। कैंसर पुरूष या महिला किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है और केवल इसके लक्षणों की पहचान करके की समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है। वैसे जब महिलाओं में कैंसर की बात हो तो अमूमन स्तन कैंसर का ही नाम लिया जाता है, लेकिन इसके अलावा ओवेरियन कैंसर से लेकर ग्रीवा कैंसर तक महिलाओं को प्रभावित कर सकता है।


स्तन कैंसर

जब महिलाओं में कैंसर की बात हो तो इसमें सबसे पहला नाम स्तन कैंसर का आता है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर महिला सतर्क हो तो इसे जीरो स्टेज पर ही पहचाना जा सकता है। हर महिला को महीने के एक बार अपने स्तनों की जांच स्वयं करनी चाहिए। इसके लिए आप अपनी तीन उंगलियां अपने स्तनों पर रखकर स्तनों पर गोलाकार घुमाएं।

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स्तन में हो रहे बदलावों के जरिए ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पहचाना जा सकता है। इन बदलावों में महिला को स्तन पर किसी तरह की गांठ, स्तनों का असामान्य तरीके से बढ़ना, बगल में सूजन आना या गांठ बनना, निप्पल का आकार बदलना, उसका अंदर धसना, निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज, निप्पल व ब्रेस्ट पर घाव महसूस हो सकता है।

 

ग्रीवा कैंसर 

ग्रीवा कैंसर अधिकतर यौन रूप से सक्रिय महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। एचपीवी अर्थात मानव पैपिलोमा वायरस नामक एक विशिष्ट प्रकार का वायरस गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लगभग सभी मामलों का मुख्य कारण बनता है। अगर आप यौन रूप से सक्रिय होने के अलावा पहले से ही एचआईवी व एड्स से पीडि़त हैं या फिर आप धूम्रपान करती हैं, तो भी आपको ग्रीवा कैंसर होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। ग्रीवा कैंसर को इसके लक्षणों के जरिए आसानी से पहचाना जा सकता है।

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ग्रीवा कैंसर होने पर महिला को असामान्य ब्लीडिंग जैसे पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना, संभोग के बाद ब्लीडिंग, श्रोणि परीक्षण के बाद ब्लीडिंग, रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग, संभोग के दौरान दर्द, मासिक धर्म का लंबे समय तक होना, योनि स्राव में वृद्धि व उसका रंग व गंध में असामान्य होना, रजोनिवृत्ति के बाद दर्द, श्रोणि या कमर में लगातार दर्द, बार−बार पेशाब जाना और मूत्र त्याग के दौरान दर्द आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।

एंडोमेटि्रयल कैंसर 

एंडोमेटि्रयल कैंसर महिला के गर्भाशय पर अटैक करता है। एंडोमेटि्रयल कैंसर होने पर कुछ लक्षण नजर आते हैं, जिसे महिला को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह कैंसर होने पर महिलाओं को योनि से असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज का अनुभव होता है। इतना ही नहीं, रजोनिवृत्ति से पहले हैवी व असामान्य पीरियड्स, योनि से अधिकतर पानी या रक्त का स्राव, पेल्विक पेन व संभोग के दौरान दर्द भी एंडोमेटि्रयल कैंसर के लक्षणों में शामिल है।


ओवेरियन कैंसर

डिम्बग्रंथि के कैंसर जिसे ओवेरियन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, इसके बारे में बेहद जल्द पता लगा पाना काफी मुश्किल है। अमूमन इसके लक्षण इतने अस्पष्ट होते हैं कि महिलाएं उसे अनदेखा का देती हैं और जब कैंसर बढ़ने लगता है, तब इसके बारे में पता लगता है।

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अगर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के लक्षण की बात की जाए तो इसमें पेट फूलना, पेट में दबाव या दर्द, खाने में परेशानी या खाना खाने के बाद पेट का जरूरत से ज्यादा भरे होने का अहसास होना होता है। इतना ही नहीं, यह कैंसर होने पर आपको पेशाब में वृद्धि, थकान, अपच, हार्टबर्न, कब्ज, पीठ में दर्द, अनियमित मासिक धर्म, संभोग के दौरान दर्द आदि लक्षण भी नजर आ सकते हैं। 

स्किन कैंसर 

स्किन कैंसर पुरूष व महिलाओं दोनों को अपना शिकार बना सकता है। यह उन महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है, जिनकी त्वचा सूर्य के संपर्क में जरूरत से ज्यादा आती है। इसलिए अगर सूरज की किरणों से स्किन को प्रोटेक्ट करना बेहद जरूरी है। चूंकि स्किन कैंसर आपकी त्वचा को प्रभावित करता है, इसलिए स्किन पर उसके लक्षण साफतौर पर नजर आते हैं।

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मसलन, शुरूआती स्टेज में आपको स्किन पर नोड्यूल, दाने या पैच आदि दिखाई दे सकते हैं। कैंसर बढ़ने के साथ−साथ इन पैच का साइज भी बढ़ने लगता है। इसके अलावा, किसी बर्थमार्क या तिल के आसपास की त्वचा में परिवर्तन आना, बार−बार एक्जीमा होना, शरीर के दाग−धब्बों में खुजली या खून निकलना भी स्किन कैंसर के लक्षणों में शुमार हैं। इसलिए अगर आपको ऐसा कोई भी लक्षण नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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