कैंसर रातों-रात नहीं होता। खानपान और रहन-सहन की कुछ आदतों में बदलाव करें।

फ्राइड खाने से दूर रहें
फ्रेड हचिन्सन कैंसर रिसर्च सेंटर में हुई स्टडी के अनुसार, जो लोग हफ़्ते में एक या दो बार से अधिक, तले हुए खाद्य पदार्थ, जैसे-फ्रेंज फ्राइज़, तली हुई मछली इत्यादि का सेवन करते हैं, उन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने का ख़तरा 37 फ़ीसदी अधिक होता है, क्योंकि तेल को बहुत तेज़ तापमान पर गर्म करने पर कार्सिनोजेनिक कंपाउंड नामक हानिकारक केमिकल डेवलप हो जाता है. इन्हे भी पढ़े - कैंसर से बचने के लिए क्या खाएं और कैसे खाएं

अनार का जूस पीएं
मैडिसन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन के शोधकर्त्ताओं के अनुसार, अनार का जूस लंग कैंसर के ग्रोथ को रोकता है. इसके पहले हुए अन्य अध्ययनों के अनुसार, ये प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करने के साथ ही कैंसर का ट्रीटमेंट करा रहे पुरुषों के पीएसए लेवल को भी स्थिर रखता है. अनार के जूस में पॉलीफेनॉल्स, आइसोफ्लैवोनेस और इलैजिक एसिड  पाया जाता है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करता है.

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टेस्ट कराएं
द सेंटर फॉर डिज़ीज़ एंड प्रिवेन्शन के अनुसार, अगर 50 से अधिक उम्र वाले नियमित अंतराल पर कोलोन कैंसर की जांच के लिए स्क्रीनिंग कराएं तो कैंसर से होनीवाली मृत्युदर में 60 फ़ीसदी कमी आ सकती है. अतः लंग, कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, टेस्टिकुलर, स्किन जैसे कैंसर से बचने के लिए एहतियात के तौर पर स्क्रीनिंग कराने के लिए डॉक्टर से बात करें.

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फाइबर से दोस्ती करें
क्लीनिकल न्यूट्रिशन के जरनल में छपे अध्ययन के अनुसार, जो लोग रोज़ाना प्रति 1,000 कैलोरी में 19 ग्राम फाइबर का सेवन करते हैं, उन्हें ऐसा न करने वालों की तुलना में किडनी का कैंसर होने का ख़तरा 19 फ़ीसदी कम होता है. स्टडी के अनुसार,  फाइबर कैंसर पैदा करनेवाले टॉक्सिन्स को इंटेस्टाइन से किडनी तक जाने से रोकता है.

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विटामिन डी का सेवन करें
अमेरिकन जरनल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में छपे अध्ययन के अनुसार, जो लोग अपने डायट में 1,000 आईयू विटामिन डी सप्लिमेंट शामिल करते हैं, उन्हें ऐसा न करनेवालों की तुलना में कैंसर होना का ख़तरा 77 प्रतिशत कम होता है.

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खर्राटे का इलाज करें
यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मैडिसन, स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ के अनुसंधानकर्त्ताओं के अनुसार, जो लोग खर्राटे लेते हैं, उनके खरार्टे के कारण मरने का ख़तरा अन्य लोगों की तुलना में पांच गुना ज़्यादा होता है, क्योंकि खर्राटे लेते रक्त में ऑक्सिज़न का लेवल कम होता है, जिससे रक्त में मौजूद ट्यूमर बहुत तेज़ी से फैलते हैं.

खड़े रहे -

अमेरिकन इंस्टिट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च के अनुसार, प्रति वर्ष कैंसर के 92,000 से अधिक केसेज़ में बीमारी का कारण ज़्यादा बैठना होता है. अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज़ भी करते हैं तो भी आपको रिस्क हो सकता है. इसलिए हर एक या दो घंटे पर खड़े होकर टहलें. इसके लिए अपने स्मार्टफोन में रिमाइंडर लगाएं. इससे आपके शरीर में कैंसर पैदा करनेवाले मॉलिक्यूल्स का लेवल कम होगा. इन्हे भी पढ़े - फिजिकल ऐक्टिविटी करने से एक नहीं बल्कि 7 तरह के कैंसर से बचा जा सकता है

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