पित्ताशय का कैंसर क्या है ? इसके लक्षण व् इलाज । पित्ताशय का कैंसर से कैसे बचा जा सकता है ?
पित्ताशय नाशपाती के आकार का एक छोटा सा अंग है जो पेट के दाँयी ओर, जिगर के नीचे, पसलियों के थोड़ा सा पीछे स्थित होता है। यह आमतौर पर 3-4 इंच लंबा और एक इंच चैड़ा होता है। पित्ताशय का मुख्य कार्य पाचन तरल पदार्थ को संग्रहित करना है, जिसे पित्त कहा जाता है। पित्त लिवर (जिगर) में बनता है। पाचन क्रिया के दौरान जब भोजन छोटी आँत के पहले भाग में प्रवेश करता है, पित्ताशय संकुचित होता है और उससे पित्त निकलता है जो छोटी आँत मे जाकर पाचन प्रक्रिया में सहायता करता है। पित्ताशय एक उपयोगी अंग है लेकिन यह आवश्यक अंग नही है। इसके बिना हम जीवित रह सकते है। जिन व्यक्तियों का पित्ताशय शल्य चिकित्सा द्वारा निकाल दिया जाता है, वे बाद में भी सामान्य जीवन व्यतीत कर पाते है।
पित्ताशय का कैंसर क्या है ।
गाल ब्लैडर या पित्ताशय का कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें पित्ताशय की थैली के ऊतकों में घातक (malignant) कोशिकाओं का निर्माण होता है। पित्त की थैली का कैंसर काफी दुर्लभ है। यह कैंसर अधिकांश स्थितियों में एडेनोकार्सिनोमा (adenocarcinoma) के रूप उत्पन्न होता है। एडेनोकार्सिनोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो अंगों की ग्रंथि कोशिकाओं के अस्तर में शुरू होता है।
पित्ताशय के कैंसर के लक्षण ।
पित्ताशय की थैली में कैंसर के शुरुआती चरणों में किसी भी प्रकार के संकेत या लक्षण प्रगट नहीं होते हैं। कुछ स्थितियों में इसके लक्षण अन्य बीमारियों के सामान होते हैं। पित्ताशय का कैंसर निम्न संकेतों या लक्षणों के उत्पन्न होने का कारण बन सकता है, जिनमें शमिल हैं:
- विशेष रूप से पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द होना
- एब्डोमिनल ब्लोटिंग या पेट फूलने की समस्या उत्पन्न होना
- बुखार आना
- अस्पष्ट रूप से वजन कम होना
- जी मिचलाना
- भूख में कमी आना
- गंभीर खुजली होना
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया)
- डार्क पेशाब, इत्यादि।
- पेट का फूलना
- खुजली
- बिना वजह वजन कम होना
पित्ताशय कैंसर से बचाव।
डॉक्टरों को पित्ताशय कैंसर के उत्पन्न होने का उचित कारण ज्ञात नहीं है। लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आप पित्त के कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। इनमें मुख्य है
पर्याप्त व्यायाम करके स्वस्थ वजन बनाए रखना
स्वस्थ आहार खाना
इससे बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी और आपका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
पित्ताशय का कैंसर के कारण - Gallbladder Cancer Causes
यह स्पष्ट नहीं है कि पित्त के कैंसर का क्या कारण होता है।
पर डॉक्टरों का यह कहना है कि पित्त की थैली का कैंसर तब होता है जब पित्त की सामान्य कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन से कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ती हैं। इकठ्ठी हुई कोशिकाएं एक ट्यूमर बनाती हैं जो पित्ताशय की थैली से भी ज्यादा बढ़ जाता है और शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है।
अधिकांश पित्ताशय की थैली का कैंसर ग्रंथि कोशिकाओं में शुरू होता है जो पित्ताशय की थैली की आंतरिक सतह को रेखांकित करती हैं। इस प्रकार के सेल में शुरू होने वाले पित्त के कैंसर को एडेनोकार्सीनोमा कहा जाता है।
पित्त के कैंसर का खतरा कब बढ़ जाता हैं ?
- पित्त की थैली के कैंसर के जोखिम कारक निम्नलिखित हैं -
- आयु और लिंग
- पित्त की थैली के कैंसर का पारिवारिक इतिहास
- पित्त की पथरी और सूजन
- प्राइमरी स्केलेरोसिंग कोलिन्जाइटिस
- धूम्रपान
- मोटापा
- अग्न्याशय और पित्त वाहिका की असामान्यताएं
- शुगर
- संक्रमण
- शराब का सेवन
गाल ब्लैडर कैंसर के चरण ।
पित्ताशय की थैली में कैंसर के फैलने की जानकारी को TNM द्वारा दी जाती हैं, जिसका मतलब इस प्रकार है:
टी (ट्यूमर) T (tumor) - यह पित्ताशय की दीवार में कैंसर (ट्यूमर) के फैलने की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
एन (नोड) N (node) - यह पित्ताशय के पास के लिम्फ नोड्स में कैंसर के फैलने की स्थिति को प्रदर्शित करता है।
एम (मेटास्टेसिस) M (metastasis) - यह शरीर के अन्य भागों में कैंसर के फैलने के स्थिति की ओर संकेत देता है।
TNM स्कोर (TNM scores) ज्ञात होने के बाद, कैंसर के विभिन्न चरणों (Stages) का निदान किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
0 स्टेज - इस स्टेज में कैंसर बहुत छोटा होता है और पित्ताशय की सबसे आंतरिक परत तक ही सीमित रहता है।
I स्टेज - स्टेज 1 में कैंसर पित्ताशय के अंदर तक ही सीमित रहता है, तथा ट्यूमर पित्ताशय की दूसरी और तीसरी परतों (lamina propria and Muscle layer) में फैलना शुरू कर देता है।
II स्टेज - पित्ताशय कैंसर की स्टेज 2 में ट्यूमर कोशिकाएं, पित्ताशय की बाहरी परत में प्रवेश करती है। लेकिन कैंसर की इस स्थिति में लिम्फ नोड्स या अन्य अंग प्रभावित नहीं होते हैं।
III स्टेज - इस स्टेज में कैंसर पित्ताशय की थैली की सबसे बाहरी परत के माध्यम से आगे बढ़ता है, और पित्ताशय के पास वाले हिस्सों जैसे- लिवर, छोटी आंत या पेट तक फ़ैल सकता है।
IV स्टेज - इस चरण में कैंसर एक बड़े ट्यूमर का रूप ले लेता है, तथा आस-पास के अनेक अंगों और शरीर के दूर के क्षेत्रों तक फ़ैलने में सक्षम होता है।
पित्ताशय कैंसर में होने वाली जांचे ।
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
अल्ट्रासाउंड में, एक ट्रांसड्यूसर नामक छोटा सा यंत्र ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है और शरीर के अंदर के अंगों से टकराकर वापिस आती हुई तरंगों दर्ज करता है। इस पैटर्न से ट्यूमर खोजने में मदद मिल सकती है और यह दिखा सकते हैं कि ट्यूमर आस-पास के क्षेत्रों में कितनी दूर तक फैले हैं।
सीटी स्कैन (CT scan)
सीटी स्कैन आपके शरीर की विस्तृत छवियों को बनाने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है। नियमित रूप से एक्स-रे की तरह एक तस्वीर लेने के बजाय, यह कई चित्र लेता है। एक कंप्यूटर की मदद से आपके शरीर के हिस्से की छवियों को जोड़कर उसका अध्ययन किया जाता है।
एमआरआई स्कैन (MRI scan)
सीटी स्कैन की तरह, एमआरआई स्कैन शरीर के ऊतकों की विस्तृत छवियां बनाता है। लेकिन एमआरआई स्कैन एक्स-किरणों के बजाय रेडियो तरंगों और मजबूत चुंबक का उपयोग करता है। बेहतर देखने के लिए, स्कैन से पहले गैडोलिनियम (gadolinium) नामक एक सामग्री का नस में इंजेक्शन दिया जा सकता है।
कोलएनजियोग्राफी (Cholangiography)
कोलएनजियोग्राम एक इमेजिंग टेस्ट है जो यह पता लगाने में मदद करता है कि क्या पित्त नलिकाएं अवरुद्ध हैं, संकुचित हैं या फैली हुई हैं। इसे यह देखने में मदद मिल सकती है कि क्या आपको ट्यूमर है, जो नलिका को अवरुद्ध कर रहा है। यह सर्जरी की योजना बनाने में भी मदद कर सकता है।
एंजियोग्राफी (Angiography)
एंजियोग्राफी या एंजियोग्राम एक एक्स-रे परीक्षण है जो रक्त वाहिकाओं को देखने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह परीक्षण यह भी दिखा सकता है कि क्या कुछ रक्त वाहिकाओं की दीवारों के माध्यम से पित्ताशय की थैली का कैंसर तो नहीं फैला है।
बायोप्सी (Biopsy)
बायोप्सी के दौरान, डॉक्टर एक माइक्रोस्कोप से एक ऊतक का नमूना लेते हैं और यह देखते हैं कि कैंसर मौजूद है या नहीं। अधिकांश प्रकार के कैंसर के निदान के लिए बायोप्सी की आवश्यकता होती है। बायोप्सी का उपयोग यह पता लगाने में भी किया जाता है कि कैंसर कितना फैल गया है।
पित्ताशय कैंसर के इलाज के तरीके ।
सर्जरी -पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए सर्जरी शुरुआती चरण के पित्ताशय की थैली का कैंसर जो पित्ताशय की थैली तक ही सीमित है, उसका पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए ऑपरेशन से इलाज किया जाता है।
कीमोथेरेपी - कीमोथेरेपी एक दवा वाला उपचार है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रसायनों का उपयोग करता है। (और पढ़ें - कीमोथेरेपी क्या है)
रेडिएशन - विकिरण उपचार, कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए एक्स-किरणों जैसे ऊर्जा के उच्च-संचालित बीम का उपयोग करता है।