स्मार्ट MRI स्कैन से पता लगाया जा सकता है की बच्चे में कैंसर है या नहीं।

स्मार्ट MRI  स्कैन से बच्चे में न्यूरोब्लास्टोमा के खतरनाक रूप होने का पता लगाया जा है।

हृदय रोग से पीडि़त लोगों में इस्तेमाल होने वाले स्मार्ट MRI स्कैन से बच्चे में कैंसर का पता लगाने में मदद मिल सकती है। यह जाना जा सकता है कि कैंसर खतरनाक है या नहीं और लक्षित इलाज कैसे काम करेगा, इसका यह प्रारंभिक संकेत दे सकता है।

लंदन में कैंसर अनुसंधान इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने पाया है कि गैर-इन्वेसिव स्कैनिंग तकनीक से बच्चे में न्यूरोब्लास्टोमा के खतरनाक रूप होने का पता लगाया जा है। न्यूरोब्लास्टोमा बच्चे में ट्यूमर का एक प्रकार होता है।

 

शोधकर्ताओं ने दर्शाया कि टी वन मैपिंग के नाम से ज्ञात MRIतकनीक बचपन के कैंसर की बायोलॉजी की महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। इसके साथ ही यह प्रभावी लक्षित इलाज किस तरह का हो, इसकी शुरुआती चेतावनी देगा। टिश्यू के सेलुलर मेक-अप को समझने के लिए टी वन मैपिंग स्कैन सेल के भीतर पानी के अणु माइक्रोस्कोपिक स्तर पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं उसे मापता है। हृदय रोग में हृदय पेशी टिश्यू को होने वाली क्षति का आकलन करने में इसका इस्तेमाल होता है।

 

यह भी पढ़े : पेट स्कैन क्या है ? कैंसर मरीजों को क्यों कहा जाता है PET scan करवाने के लिए ?

यह भी पढ़े : बायोप्सी क्या है? कैसे की जाती है बायोप्सी? क्यों करते हैं बायोप्सी ?

यह भी पढ़े : सर्जरी: यह कैंसर का बेस्ट इलाज है।

यह भी पढ़े : कीमोथेरेपी क्या है?

यह भी पढ़े : रेडियोथैरेपी क्या है ?

यह भी पढ़े : इम्युनसिस्टम थेरपी

यह भी पढ़े : आयुर्वेदिक