खाने वाली नली का कैंसर क्या है ? इसके लक्षण व् इलाज । गले के कैंसर से कैसे बचा जा सकता है ?
एसोफैगल कैंसर (खाने की नली का कैंसर) ऐसा कैंसर है जो एसोफैगस (एक लंबी, खोखली ट्यूब जो आपके गले से आपके पेट तक जाती है, जिसे खाने की नली या ग्रासनली भी कहते हैं) में होता है। आप जो भोजन खाते हैं एसोफैगस उसे पेट में पाचन के लिए पहुंचाती है।
खाने की नली का कैंसर आम तौर पर उन कोशिकाओं में शुरू होता है जो एसोफैगस के अंदर होती हैं। खाने की नली का कैंसर एसोफैगस में कहीं भी हो सकता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को खाने की नली का कैंसर ज़्यादा होता है।
दुनिया के कई क्षेत्रों में, जैसे एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में, खाने की नली का कैंसर बहुत आम है।
कुछ ऐसे कारक ज्ञात है, जो एसोफैगल कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसमें शराब का सेवन, स्मोकिंग, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, बैरेट एसोफैगस, अधिक वजन या मोटापा, पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन नहीं करना आदि शामिल हैं।
खाने की नली के कैंसर के सामान्य लक्षण ।
- खाने की नली के कैंसर की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती है जिनके गले में बार-बार इंफेक्शन होता है।
- निगलने में परेशानी होने पर कैंसर की संभावना हो सकती है।
- सीने में दर्द या जलन भी खाने की नली के कैंसर का लक्षण है।
- बार-बार खांसी की समस्या होना या गले से आवाज आना भी खाने की नली के कैंसर की संभावना बढ़ाते हैं।
- खाने की नली का कैंसर किन लोगों को हो सकता है ?
- एल्कोहल का सेवन खाने की नली का कैंसर का मुख्य कारण हो सकता है।
- एसिड रिफ्लक्स की परेशानी अगर रहती है तो भी कैंसर हो सकता है।
- बहुत ज्यादा गर्म पानी या तरल पदार्थ पीने से भी खाने की नली में कैंसर की संभावना बढ़ता है।
- धूम्रपान करने वालों में भी खाने की नली का कैंसर हो सकता है।
खाने की नली के कैंसर का कारण ।
कैंसर के अन्य प्रकार की तरह खाने की नली के कैंसर का कारण भी अभी तक अज्ञात है। हालांकि कुछ ऐसे कारक ज्ञात है, जो एसोफैगल कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसमें शराब का सेवन, स्मोकिंग, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, बैरेट एसोफैगस, अधिक वजन या मोटापा, पर्याप्त मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन नहीं करना आदि शामिल हैं।
खाने की नली में कैंसर के बढ़ते चरणों के साथ कुछ जटिलताओं के उत्पन्न होने की संभावना भी बढ़ती जाती है, जिनमें गंभीर दर्द, ग्रासनली में रक्तस्राव, आहार नली में रुकावट या भोजन और तरल को निगलना मुश्किल होना आदि शामिल हैं।
खाने की नली के कैंसर से बचाव ।
हालांकि ग्रसिका का कैंसर रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है। फिर भी कुछ बचाव के तरीके अपनाकर व्यक्ति खाने की नली के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान न करें, तंबाकू के सेवन से परहेज करें, नियमित रूप से व्यायाम करें, शराब के अधिक सेवन से बचें, फल-सब्जियों का खूब सेवन करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें।
खाने की नली में कैंसर के चरण निम्न हैं:
0 स्टेज- इस चरण में कैंसर का विकास नहीं होता है, केवल असामान्य कोशिकाएं पाई जाती है।
I स्टेज- इस स्टेज में कैंसर केवल आहार नली की परत में पाई जाने वाली कोशिकाओं तक ही सीमित होता है।
II स्टेज- इस स्टेज में ट्यूमर कोशिकाएं, आहार नली की बाहरी दीवार तक फ़ैल चुकी होती हैं। इसके अलावा, कैंसर पास के 1 से 2 लिम्फ नोड्स तक फैल सकता है।
III स्टेज- इस स्टेज का मतलब है कि कैंसर आंतरिक मांसपेशियों की परत या संयोजी ऊतक (connective tissue) की दीवार में गहराई तक फ़ैल गया है। तथा यह कैंसर आहार नली के आस पास के अंग या पास के अधिकांश लिम्फ नोड्स में फैल सकता है।
IV स्टेज - यह कैंसर का सबसे विकसित और उन्नत चरण है। इसका मतलब है कि कैंसर शरीर में अन्य अंगों या आहार नली से दूर लिम्फ नोड्स तक फैल गया है।
खाने की नली में कैंसर का परीक्षण ।
- एंडोस्कोपी (Endoscopy)
एंडोस्कोपी में डॉक्टर आपके गले में एक पतली लचीली ट्यूब जिसके आगे कैमरा होता है (एंडोस्कोप), आपके गले में डाल के परीक्षण करते हैं।
बायोप्सी में आपके डॉक्टर सर्जरी, एन्डोस्कोप या सुई का उपयोग कर के आपके गले में से एक टिश्यू निकालेंगे और कैंसर का परीक्षण करेंगे।
- इमेजिंग टेस्ट (Imaging test)
एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई (MRI) और पेट स्कैन यह दिखा सकते हैं कि कैंसर आपके गले से बाहर आपके शरीर के दूसरे हिस्सों तक पहुँच गया है या नहीं।
खाने की नली में कैंसर के प्रकार ।
भोजन नली का कैंसर (Esophageal cancer), कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। खाने की नली में कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं:
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma) - स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा प्रकार का एसोफैगल कैंसर, खाने की नली (ग्रासनली) के अस्तर को बनाने वाली फ्लैट, पतली कोशिकाओं (Squamous cell) में शुरू होता है। इस प्रकार का कैंसर, खाने की नली के ऊपरी या मध्य भाग में सबसे अधिक दिखाई देता है।
एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma) - जब ग्रासनली में श्लेष्म जैसे तरल पदार्थ का उत्पादन करने वाली ग्रंथियों की कोशिकाओं में कैंसर की शुरूआत होती है, तब यह ग्रसिका का कैंसर एडेनोकार्सिनोमा प्रकार का होता है। एडेनोकार्सिनोमा सबसे अधिक खाने की नली के निचले हिस्से को प्रभावित करता है।
अन्य दुर्लभ प्रकार (Other rare types) - अन्य दुर्लभ प्रकार के एसोफैगल कैंसर में निम्न को शामिल किया जा सकता है, जैसे - स्माल सेल कार्सिनोमा (small cell carcinoma), सारकोमा (sarcoma), लिम्फोमा (lymphoma), मेलेनोमा (melanoma) और कोरियोकार्सिनोमा (choriocarcinoma) इत्यादि।
गले के कैंसर का इलाज क्या है ?
यदि आहार नली का कैंसर छोटा है और फैल नहीं रहा है, तो डॉक्टर एंडोस्कोप और न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी का उपयोग करके ट्यूमर को हटा सकता है। गंभीर मामलों में, सर्जरी के दौरान पेट के ऊपरी हिस्से को भी हटाना संभव है।लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के जरिये खाने वाली नली को जहा कैंसर सेल होते है वो काट के पेट को गले तक जोड़ देना।
कीमोथेरेपी के अंतर्गत कुछ दवाओं का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। सर्जरी से पहले या बाद में कीमोथेरेपी की सिफारिश की जा सकती है। कभी-कभी रेडिएशन थेरेपी के साथ भी कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। कीमोथेरेपी के अंतर्गत कुछ संभावित दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बालों का झड़ना
- जी मिचलाना
- उल्टी होना
- थकान महसूस होना, इत्यादि।
रेडिएशन थेरेपी के अंतर्गत कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की बीम का उपयोग किया जाता है। कैंसर का इलाज करने के लिए रेडिएशन को बाह्य या आंतरिक रूप से दिया जा सकता है। आंतरिक रेडिएशन थेरेपी को ब्रैकीथेरेपी (Brachytherapy) कहा जाता है। आमतौर पर रेडिएशन थेरेपी के साथ-साथ कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी के बाद व्यक्ति निम्न दुष्प्रभावों को महसूस कर सकता है, जैसे:
- धूप से झुलसी हुई त्वचा (sunburned skin) का दिखाई देना
- निगलने में दर्द या कठिनाई का अनुभव होना
- थकान महसूस होना
- भोजन नली के अस्तर में दर्दनाक अल्सर उत्पन्न होना, इत्यादि।